रायपुर छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी है, और यहाँ के सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर, और ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ आरामदायक विश्राम स्थलों के रूप में भी मशहूर है।
यहां आपको कई प्राचीन स्थल देखने को मिलेंगे, जो रायपुर और छतीसगढ़ के ऐतिहासिक वैभव की गाथा सुनाते हैं।
रायपुर का इतिहास बहुत दिलचस्प है। यह शहर कालचुरी राजवंश के समय से अस्तित्व में है और इसके पास कई प्राचीन मंदिर और ऐतिहासिक स्थल हैं। रायपुर का नाम ‘राय’ और ‘पुर’ के शब्दों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है ‘राजा का नगर’।
रायपुर में घूमने की जगहें | raipur me ghumne ki jagah
रायपुर में घूमने के लिए कई स्थान हैं। यहां आप धर्मस्थलों, संग्रहालयों, वन्यजीव अभ्यारण्यों और बाजारों का आनंद ले सकते हैं। यदि आप प्रकृति के आनंद का आनंद लेना चाहते हैं, तो रायपुर में कई पार्क और उद्यान हैं जहां आप घूम सकते हैं। एक प्रमुख पार्क है एक्सोटिक जंगल, जहां आप वन्य जीव जंतुओं को देख सकते हैं। इसके अलावा, रायपुर में छत्तीसगढ़ उद्यान, श्री शिवाजी उद्यान, और महांबा उद्यान भी हैं।
बंजारी माता मंदिर | Banjari Mata Mandir
माता बगुला मुखी देवी को ही यह बंजारी देवी के नाम से जाना जाता है। यह प्रसिद्ध मंदिर रायपुर जिले में स्थित है। रायपुर से बिलासपुर नेशनल हाइवे क्र. 30 पर स्थित है।

माता बगुला मुखी देवी यहाँ बंजर भूमि में प्रकट हुई थीं जिस कारण माता का नाम बंजारी पड़ा तथा माता बगुला मुखी देवी का मुख बगुले के समान होता है जिस कारण इन्हे माँ बगुला मुखी देवी कहा जाता है।
जनश्रुतियों और किवदंतियों के अनुसार माता रानी की प्रतिमा भूमि से उत्पन्न मानी जाती है। माता स्वयं अपनी इच्छा से इस स्थान पर प्रकट हुई थीं। इन्हे माँ दुर्गा का अवतार माना जाता है। लोगो के अनुसार पहले यहाँ पहले बंजर भूमि हुआ करती थी जिसके चलते इस स्थान पर लोगो का आना जाना न के बराबर हुआ करता था।

मगर माता के प्रकट होने के बाद यहाँ की भूमि उपजाऊ हो गई साथ ही इस स्थान का महत्व बढ़ता गया बाद में लोगों ने यहाँ पर बंजारी माता का मंदिर बनवाया और साथ ही की देवी-देवताओं की भी मूर्तियाँ बनवाईं।
घूमने के लिए मस्त जगह है यहाँ पर बहुत सारे देवी देवताओं कीअदृश्य प्रतिमाएं भी हैं तथा यहां पर भारत के शहीद जवानों के याद में भारत के नक्शे में जवानों को सलामी दी गई है।
भारत माता चौक
भारत माता चौक गुढ़ियारी, रायपुर के केंद्रीय आकर्षणों में से एक है। भारत माता की प्रतिमा के पीछे छोटा सा लाल किला बनाया गया है। इस खूबसूरत नज़ारे को देखकर लोगों द्वारा तस्वीरें खींचना भारतमाता चौक को और अधिक आकर्षक बनाता है।

छोटे से लाल किले के आगे खड़ी भारत माता की प्रतिमा अद्भुत लगती है। इसके अलावा इस जगह का नया आकर्षण अशोक स्तंभ है जो भारत माता की मूर्ति के सामने रखा गया है। रात्रि के समय रंग-बिरंगी रोशनी में यह जगह और भी आकर्षक लगती है। इसलिए इस पूरे स्थान को करीब से देखना सार्थक है।
मरीन ड्राइव (तेलीबांधा तालाब) Marine Drive (Telibandha Lake)
तेलीबांधा तालाब रायपुर की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है, जो व्यस्त शहर के शोर-शराबे से मुक्ति प्रदान करती है। यह समुद्री ड्राइव के पास स्थित एक बड़ी झील है जिसके चारों ओर अच्छे पैदल मार्ग बने हुए हैं। सुबह और शाम की सैर के लिए इसकी अत्यधिक अनुशंसा की जाती है, लेकिन शाम के समय ठंडी हवा के स्पर्श और जलस्रोत पर सुंदर प्रतिबिंब के साथ यह सबसे अच्छा लगता है।

तेलीबांधा तालाब कई कैफे और रेस्तरां से घिरा हुआ है, जिनमें बैठने की बेंच, कुर्सियां और अन्य सामान की सुविधाएं हैं। इसमें फुटपाथ पर एक योग केंद्र, जिम और विश्राम कक्ष भी हैं। इसके अलावा यहां कुछ मूर्तियां और संरचनाएं भी हैं जो फोटो प्रेमियों के लिए काफी फोटोजेनिक हैं। यह पैदल चलने, साइकिल चलाने, जॉगिंग करने और प्रियजनों के साथ गपशप करने के लिए सबसे अच्छी जगह है।

यदि आपने पुराना 500 रुपये का नोट देखा हो तो उस पर एक सत्याग्रह का चित्र बना हुआ होता था उस चित्र को यह दीवार काटकर बनाया गया है।
पानी पर कुछ हंस हैं जो उसमें तैरना बहुत पसंद करते हैं, जिससे यह बच्चों के लिए एक अच्छा आकर्षण है। आनंदमय सवारी के लिए एक टॉय ट्रेन और एक छोटी डबल डेकर बस है। यहां कई फूड स्टॉल और विक्रेता हैं जो स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड और पेय पदार्थ पेश करते हैं, जिससे आगंतुकों को अपने स्वाद का लुत्फ उठाने का मौका मिलता है।
Energy Park(Urja park)
बच्चों और परिवार के साथ घूमने के लिए अच्छी जगह है यहां हमारे घरों में कितनी ऊर्जा की खपत होती है, कार्बन फुटप्रिंट की गणना कैसे की जाती है, अक्षय ऊर्जा उत्पादन कैसे किया जाता है, इन सभी के बारे में बहुत विस्तार से बताया गया है।

पार्क में प्रवेश के लिए एक के बाद एक, दो गेट बने हुए हैं यहाँ का प्रवेश शुल्क वयस्कों के लिए 20/- रुपये तथा बच्चों के लिए 10/- रुपये है पार्क में एक छोटी सी झील है जिसमे नाव की सवारी का एक अलग ही आनंद है, नाव की सवारी का शुल्क 30/= रुपये है।
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अजंता की गुफ़ाएं
भीमकुंड
Gandhi Udyan Raipur
गांधी उद्यान एक छोटा सा बगीचा है जी रायपुर में आमापारा चौक के पास स्थित है। इसका आकार बहुत छोटा है लेकिन यहाँ का वातावरण बहुत ही अच्छा है। इसके आस-पास पानी पुरी और मॉमोस शॉप जैसी कई छोटी-छोटी खाने पीने की दुकानें स्थित हैं। यहां भीड़भाड़ बिलकुल भी नहीं होती है।
गांधी उद्यान/पार्क बहुत ही सुंदर और आकर्षक है इसमे चारों और हरी घास फैली हुई है। स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रदान की गई सुविधाएं अच्छी और सराहनीय हैं। यहाँ पर सुबह और शाम खुली हवा में दौड़ते और योग, व्यायाम करते हुए लोग दिखाई पड़ते हैं। यहाँ पर मुफ़्त वाई-फाई की सुविधा भी है बच्चों को योग सिखाने के लिए शिक्षक लगे हुए हैं।
महकौशल आर्ट गैलरी
भारत में स्थानीय संस्कृति और कला को बढ़ावा देने के लिए की शहरों में महकौशल आर्ट गैलरी तथा अन्य आर्ट गैलरियों का निर्माण किया गया है। रायपुर में भी एक छोटी और आकर्षक मकौशल आर्ट गैलरी है।
महाकौशल आर्ट गैलरी का उद्देश्य छत्तीसगढ़ क्षेत्र की स्थानीय और राष्ट्रीय कलाकारों को प्रमोट करना है और उन्हें एक मंच प्रदान करना है ताकि वे अपनी कला को लोगों के साथ साझा कर सकें। इस गैलरी में छत्तीसगढ़ के कलाकारों के काम को भी प्रमोट किया जाता है और उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिलता है।
घड़ी चौक या गुरु घासीदास चौक
घड़ी चौक जिसे गुरु घासीदास चौक भी कहा जाता है, छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर में एक महत्वपूर्ण और व्यापारिक स्थल है। यह चौक शहर के मुख्य व्यापारिक और वाणिज्यिक क्षेत्र में स्थित है और यहाँ पर विभिन्न प्रकार के व्यापार और विपणी दुकानें स्थित हैं।
यह चौक मुख्यत: गुरु घासीदास जी को समर्पित है। घड़ी चौक नाम शहर के एक प्रमुख समय दिखाने वाले स्थल से आता है, चूकि यह चौक एक बड़ी घड़ी (घड़ी) के साथ जुड़ा हुआ है। यह चौक भारतीय विपणी और व्यापार की जीवंत गतिविधियों का केंद्र है और यहाँ पर लोग विभिन्न वस्त्र, गहनों, गैजेट्स, और अन्य चीजें खरीदने आते हैं।
Nandan Van Zoo and Safari
नंदन वन जू और सफारी, भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर शहर में स्थित एक प्रमुख चिड़ियाघर और सफारी पार्क है। यह जगह वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित और प्राकृतिक आवास का कार्य करती है और वन्य प्राणियों के साथ-साथ मनोरंजन और शिक्षा का भी माध्यम है।
नंदन वन जू और सफारी में विभिन्न प्रकार की जानवरों को प्रदर्शित किया जाता है, जैसे कि शेर, बाघ, हाथी, गिरगिट, गाय, हरिण, और अन्य जीवों को देखने का मौका मिलता है। इसके अलावा, यहाँ पर बच्चों और पर्यटकों के लिए शिक्षा कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं जो जानवरों और प्राकृतिक जीवन के बारे में सीखने का मौका प्रदान करते हैं।
नंदन वन जू और सफारी रायपुर के लोगों के लिए मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण स्थल है और यह वन्यजीवों के संरक्षण और जागरूकता को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण काम कर रहा है।
Mahant Ghasidas Memorial Museum
महंत घासीदास म्यूज़ियम छत्तीसगढ़, भारत में स्थित है और यह एक महत्वपूर्ण संग्रहालय है जो कि इतिहास, कला, और सांस्कृतिक धरोहर के अद्वितीय प्रतिष्ठानों का प्रदर्शन करता है। यह संग्रहालय बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के शहर में स्थित है और यह भारतीय कला और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं को प्रस्तुत करता है।
महंत घासीदास म्यूज़ियम का नाम छत्तीसगढ़ के महान साधु और समाज सुधारक महंत घासीदास के नाम पर रखा गया है। यह संग्रहालय दर्शकों को छत्तीसगढ़ की बोगी और छत्तीसगढ़ की विविधता को समझने का मौका प्रदान करता है।
म्यूज़ियम में अनेक प्रकार के प्राचीन और आधुनिक कला के प्रदर्शन होते हैं, जैसे कि चित्रकला, सांस्कृतिक आदियों की प्रदर्शन, और पुराने जगहों के चित्रण। इसके अलावा, महंत घासीदास म्यूज़ियम में छत्तीसगढ़ के स्थानीय जीवन के अनुभवों का प्रस्तुतिकरण भी होता है, जो इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भाग को दर्शाता है।
स्वामी विवेकानंद सरोवर (बूढा तालाब) रायपुर
एक प्रमुख प्राकृतिक स्थल है जो उस नामक भारतीय संत और योगी स्वामी विवेकानंद को समर्पित है। यह सरोवर एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में मशहूर है और यह यहाँ के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण ध्यान और प्रार्थना स्थल के रूप में भी जाना जाता है।

स्वामी विवेकानंद सरोवर रायपुर के केंद्र में स्थित है और यहाँ का प्राकृतिक ब्यूटी और शांति का अद्वितीय माहौल प्रदान करता है। यह सरोवर अपने क्रिस्टल-क्लियर पानी और पर्यावरण में शांति की भावना देने के लिए प्रसिद्ध है।
स्वामी विवेकानंद सरोवर का उद्घाटन स्वामी विवेकानंद के 150 वीं जयंती के अवसर पर किया गया था और यह एक महत्वपूर्ण पर्व और धार्मिक आयोजन का केंद्र है। यहाँ पर ज्यादातर धार्मिक आयोजन, प्रार्थना सभा और योग शिविर आयोजित होते हैं और लोग यहाँ आत्मा की शांति और स्पिरिचुअलिटी का अनुभव करते हैं।
स्वामी विवेकानंद सरोवर छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यहाँ आने वाले लोग ध्यान, प्रार्थना और साधना के लिए यहाँ का सुवर्ण अवसर प्राप्त करते हैं।
Chhattisgarh Regional Science Centre
छत्तीसगढ़ क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र, जिसे संक्षेप में “साइंस सेंटर” भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण विज्ञान संगठन है जो छत्तीसगढ़ राज्य, भारत में स्थित है। यह एक स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मुद्दों को बढ़ावा देने का कार्य करता है।
छत्तीसगढ़ क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र एक शिक्षा और संवाद केंद्र के रूप में कार्य करता है, जहाँ पर्याप्त ज्ञान और सूचना साझा की जाती है ताकि लोग विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अधिक जानकार बन सकें।
इस संगठन का मुख्य उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मुद्दों के प्रसारण और प्रोत्साहन का प्रदान करना है, खासकर छत्तीसगढ़ राज्य के युवाओं और विद्यार्थियों के बीच। इसके अंतर्गत विज्ञान प्रदर्शनियों, प्रायोगिक प्रदर्शनियों, विज्ञान शिक्षा कार्यक्रमों, और अन्य विज्ञान संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
छत्तीसगढ़ क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र छत्तीसगढ़ राज्य के शिक्षा और विज्ञान क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में रुचि और ज्ञान की ओर प्रेरित करता है।
- Anand Sarovar
- Dudhadhari Monastery and Temple
- Gaurav Path
- Rajiv Smriti Van
- ISKCON Temple
यह भी रायपुर में घूमने के लिए अच्छी जगहें हैं।
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अजंता की गुफ़ाएं
भीमकुंड
Conclusion
रायपुर विविधता से परिपूर्ण क्षेत्र है इसमे घूमने के लिए कई सारी जगहें हैं। अगर अपपको ऊपर दिए गए लेख में कोई भी जानकारी संदेह जनक प्रतीत होती है तो हमें इसकी जानकारी कमेन्ट के माध्यम से अवश्य दें यदि आप किसी और स्थान के इतिहास, घूमने की जगहें या अन्य किसी जानकारी के इच्छुक हों तो वह भी हमें कमेन्ट में अवश्य बताएं।
FAQs
- रायपुर शहर की स्थापना कब हुई थी?
राजा रामचंद्र के पुत्र ब्रह्मदेव राय ने 1818 ईस्वी में रायपुर की स्थापना की थी। - रायपुर का क्या मतलब है?
रायपुर का मतलब होता है राजा का नगर। राय = राजा, पुर = नगर - रायपुर किसकी राजधानी है?
रायपुर छतीसगढ़ की राजधानी है।