दार्जिलिंग में घूमने की जगह : दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल का सबसे सुंदर हिलस्टेशन है यहां के खूबसूरत चाय के बागान और बर्फीली पहाड़ियों के दृश्य आपको बहुत पसंद आएंगे…
रोजाना हजारों लोग देश-दुनिया से दार्जिलिंग घूमने के लिए आते हैं। दार्जिलिंग घूमने की जगहें, कैसे आप दार्जिलिंग घूमने आ सकते हैं, दार्जिलिंग की सबसे खूबसूरत जगहों की सम्पूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिलने वाली है।
दार्जिलिंग के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थल
टाइगर हिल (Tiger Hill)
टाइगर हिल दार्जिलिंग का सर्वाधिक लोकप्रिय पहाड़ी पर्यटन है। यहां घूमने की दो जगहें हैं, एक तो टाइगर हिल का सबसे ऊंचा शिखर और दूसरा सनराइज पॉइंट।
यह अपने सूर्योदय के दृश्य (Sunrise) के लिए प्रसिद्ध है। उगते हुए सूर्य भगवान की किरणें जब कंचनजंघा की बर्फीली पहाड़ियों पर पड़ती हैं तब प्रकृति की अनूठी छटा देखते ही बनती है।
Tiger Hill Sunrise Point पर भीड़ बहुत अधिक होती है सूर्योदय के मनोरम दृश्य का आनंद लेने के लिए आप सूर्योदय के लगभग 1 घंटे पूर्व पहुंचें।
सावधानी :- टाइगर हिल देखने के लिए ठंड के मौसम में जाने से बचें।
दार्जिलिंग रंगीत वैली रोपवे
दार्जिलिंग के सर्वाधिक लोकप्रिय आकर्षणों में से एक है दार्जिलिंग रंगीत वैलीऔर रंगीत वैली की खूबसूरती में चार चाँद लगाती है यहां की रोपवे राइड, रोपवे राइड में ऊपर से चाय के खूबसूरत बागान दिखाई देते हैं।
रोपेवे राइड का टिकट बच्चों के लिए 100/- रुपये तथा वयस्कों के लिए 200 रुपये है। रोपवे यात्रा प्रत्येक माह की 19 तारीख को बंद रहती है।
सावधानी :- अगर आपको सफर में उल्टियां होती हैं, ऊंचाई से डर लगता है या फिर मोशन सिकनेस की प्रॉब्लम है तो रोपवे राइड से बचें।
हमारे जो पाठकगण मित्र नहीं जानते रोपवे क्या क्या होता है हम उन्हें बात दें पहाड़ी क्षेत्रों एवं ऊंची-नीची जगहों पर तारों के सहारे ट्रॉलियां (ट्रॉलीनुमा गाड़ियां) चलाई जाती हैं, इन तारों के रास्ते को रोपेवे या रोपे-वे कहते हैं तथा इनकी सवारी को रोपेवे राइड (Ropeway ride) कहते हैं।
हैप्पी वैली (Happy Valley)
हैप्पी वैली एक विशाल चाय का बागान है, यह भारत के सबसे पुराने चाय बागानों में से एक है। यहां की सारी जमीन आपको चाय की खेती से ढकी मिलेगी।
सुबह उठकर जो चाय आप सबसे पहले पीते हो उसकी खेती किस तरह की जाती है, देखकर आप आश्चर्यचकित रह जाएंगे।
यह चाय के बागानों की यात्रा निशुल्क है परंतु जहां चायपत्ती बनती है अगर आप उस फैक्ट्री को देखना चाहते है तो उसका प्रवेश शुल्क 100/- रुपये है।
बतासिया लूप (Batasia Loop)
दार्जिलिंग यात्रा के दौरान इस स्थान पर अवश्य जाएं। कंचनजंघा की खूबसूरत पहाड़ियों के दृश्य देखने के लिए बतासिया लूप सबसे अच्छी जगह है।
यह कंचनजंघा की बर्फीली पहाड़ियों और बर्फ से ढकी हिमालय चोटियों के शानदार दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है, यह दार्जिलिंग का वह पर्यटन स्थल है जहां से कंचनजंघा और हिमालय की चोटियों दोनों को एक साथ देखा जा सकता है।
गर्मियों का मौसम यहां घूमने सबसे उपयुक्त है बरसात के मौसम में पानी और बादलों की धुंध तथा ठंड के मौसम में कोहरे की धुंध अधिक होने के कारण विजीबिलिटी (visibility) बहुत कम हो जाती है।
यह सुबह के 5 बजे से रात के 8 बजे तक खुला रहता है। यहां 30/- रुपये प्रतिव्यक्ति प्रवेश शुल्क लगता है। अगर आपके पास दूरबीन है तो लेकर आएं नहीं तो यहां किराये पर भी दूरबीन उपलब्ध होती है।
बरबतिया रॉक गार्डन (Barbatia Rock Garden)
शहर की हलचल भरी जिन्दगी से दूर प्रकृति की गोद में स्थित है बरबतिया रॉक गार्डन, इसके निचले हिस्से मे थोड़ी भीड़ होती है परंतु ऊपर तक पहुंचने का रास्ता थोड़ा दुर्गम है या यूं कहें कि एडवेंचर से भरा हुआ है तो ऊपर तक कम ही लोग पहुंचते है और इसकी असल खूबसूरती भी कहीं न कहीं ऊपरी हिस्से में ही है।
बरबतिया रॉक गार्डन में आपको सिर्फ एक झरना दिखाई पड़ता परंतु अगर आप इसके ऊपरी हिस्से में जाते हैं तो आपको छोटे-बड़े झरनों के साथ-साथ कई प्रकार के खुशबूदार फूल, कई प्रकार की सुंदर वनस्पतियां और फलदार वृक्ष देखने को मिलते हैं।
यहां घूमने के लिए हर मौसम उपयुक्त है सर्दियों के मौसम मे यहां पर कोहरे की धुंध होती है परंतु यह धुंध भी यहां की खूबसूरती मे चार चाँद लगा देती है।
लॉयड बॉटनिकल गार्डन (Lloyd’s Botanical Garden)
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे स्टेशन से लगभग 1 किमी की दूर स्थित है लॉयड बॉटनिकल गार्डन या दार्जिलिंग बॉटनिकल गार्डन, यह एक सुंदर उद्यान है जो दार्जिलिंग की खूबसूरत पहाड़ियों पर स्थित है।
यह उद्यान दार्जिलिंग के सबसे पुराने उद्यानों में से एक है, इसमे कई प्रकार की पुरानी वनस्पतियां, कई प्रकार की पुष्प प्रजातियां, ऊंचे हिमालयी पेड़ों और विभिन्न प्रकार के सुन्दर पक्षियों को देख सकते हैं। लॉयड बॉटनिकल गार्डन भी दार्जिलिंग के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।
लॉयड बॉटनिकल गार्डन तक पहुंचने के लिए आपको ऊंची खड़ी ढलानों पर चढ़ना होगा, यह लगभग एकड़ के क्षेत्र में फैला है, इस उद्यान का प्रवेश शुल्क 20/- रुपये है
घूम मठ (Ghoom Monastery)
घूम मठ का एक अन्य नाम यी गा चोलिंग गोम्पा भी है। यह पर्यटक आकर्षण के साथ-साथ बौद्ध धर्म का धार्मिक स्थान है।
घूम मठ का प्रमुख आकर्षण भगवान बुद्ध की 15 फुट ऊंची प्रतिमा है। प्रतिमा की खास बात यह है की यह भविष्य मे अवतरित होने वाले बुद्ध की प्रतिमा है। दार्जिलिंग में भगवान बुद्ध की सबसे और पुरानी सबसे बड़ी प्रतिमा है। प्रतिमा के सामने दो दीपक रखे हुए है जो वर्ष भर जलते रहते हैं।
पद्मजा नायडू हिमालयन प्राणी उद्यान
पद्मजा नायडू हिमालयन प्राणी उद्यान या पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क एक चिड़ियाघर है इसे भारत देश का सर्वश्रेष्ठ चिड़ियाघर मान जाता है। इसका विस्तार 67.56 एकड़ के विशाल क्षेत्र में है।
पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क में पाए जाने वाले प्रमुख जानवर :- हिम तेंदुए, लाल पांडा, हिमालयन ब्लैक बियर, स्नो लेपर्ड, गोरल और हिमालयी भेड़िया इत्यादि; इसके अलावा और भी बहुत से जानवर पाए जाते हैं।
पद्मजा नायडू हिमालयन प्राणी उद्यान सुबह के 8:30 बजे से लेकर शाम के 4:30 बजे तक खुला रहता है। यह प्रत्येक गुरुवार को बंद रहता है।
पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क का प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए 20/- रुपये तथा विदेशियों के लिए 50/- रुपये है। अगर आप अपने साथ कैमरा ले जाना चाहते हैं तो आपको 10/- रुपये अतिरिक्त देने होंगे।
सिंगालीला राष्ट्रीय उद्यान (Singalila National Park)
सिंगालिला राष्ट्रीय उद्यान की दार्जिलिंग मुख्य शहर से दूरी 36 किमी है, सिंगालिला राष्ट्रीय उद्यान एक आरक्षित विशाल वन क्षेत्र है। इस पार्क से कंचनजंघा और हिमालय की चोटियों के मनोरम दृश्य दिखाई देते हैं, यह पश्चिम बंगाल का सबसे ऊंचा राष्ट्रीय उद्यान है।
लाल पांडा और हिमालयी काला भालू सिंगालीला राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण स्तनधारी हैं।
पार्क में पाई जाने वाली अन्य प्रमुख प्रजातियों में तेंदुआ, सीरो, पैंगोलिन, बार्किंग हिरण, सूअर आदि शामिल हैं। यह पार्क पक्षी देखने वालों के लिए भी एक आनंददायक स्थान है इस पार्क में 120 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती हैं जिनमें स्कार्लेट मिनीवेट, कालिज, तीतर, ट्रैगोपैन आदि प्रजातियां प्रमुख हैं।
सिंगलिला नेशनल पार्क सुबह 6.00 बजे से शाम 7.00 बजे तक खुला रहता है। इसका प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए 100/- रुपये तथा विदेशियों के लिए 200/- रुपये है।
हिमालय पर्वतारोहण संस्थान (Himalayan Mountaineering Institute)
भारत के उन अग्रणी संस्थानों में से एक जो पर्वतारोहण सीखते हैं। यहां की खास बात यह है की यहां सिर्फ पुरुषों या महिलाओं के लिए ही नहीं अपितु नेत्रहीनों के लिए भी प्रशिक्षण दिया जाता है संस्थान के साथ एक संग्रहालय और निकट ही एक चिड़ियाघर भी है।
संस्थान प्रत्येक मंगलवार को बंद रहता है, प्रशिक्षण की शुरुआती फीस 8400/- रुपये है। संग्रहालय के खुलने का समय सुबह के 9:00 बजे खुलता है एवं यहां का प्रवेश शुल्क 40/- रुपये है। संस्थान के सामने होटल उपलब्ध हैं और भोजन-पानी की कोई समस्या नहीं है।
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